मेरठ के बुढ़ाना गेट स्थित श्री हनुमान मंदिर में हनुमान जी की पूजा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि जो भक्त यहां लगातार 40 मंगलवार तक दीपक जलाते हैं, हनुमान जी उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। मंदिर परिसर में स्थित सैकड़ों साल पुराना पीपल का पेड़ इसकी प्राचीन भव्यता को और भी बढ़ा देता है।
सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर, बुढ़ाना गेट, मेरठ – Shri Hanuman Mandir, Budhana Gate, Meerut
मेरठ के बुढ़ाना गेट स्थित सिद्धपीठ हनुमान मंदिर शहरवासियों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। करीब 165 साल पुराना यह मंदिर शहर के बीचों-बीच स्थित है। इसकी खास बात यह है कि यहां हनुमान जी के दर्शन 24 घंटे किए जा सकते हैं, और देर रात तक भी भक्त श्रद्धा से दर्शन करते नजर आते हैं।
मंदिर प्रबंधन के अनुसार हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना शिव धन और उनके भाई छोटे लाल ने की थी, जो दोनों ही बाल ब्रह्मचारी थे। उस समय मूर्ति को 15 फीट की ऊंचाई पर स्थापित किया गया था। उस दौर में यहां से बुढ़ाना के लिए तांगे चलते थे और एक प्रवेश द्वार (गेट) हुआ करता था, इसलिए इस स्थान को बुढ़ाना गेट कहा जाता है। दोनों भाई मंदिर से जुड़े अखाड़े का संचालन भी करते थे।
यहां एक समय दंगल का आयोजन होता था, जिसमें आस-पास के क्षेत्रों से पहलवान भाग लेते थे। मंदिर परिसर में राहगीरों के विश्राम के लिए चबूतरे भी बनाए गए थे। दोनों भाइयों ने बुढ़ापे में मंदिर की देखभाल के लिए प्रयागराज से अपने भतीजे को बुलाया, जो 1935 में मेरठ आया और 1985 तक मंदिर की जिम्मेदारी संभालता रहा। इसके बाद यह जिम्मेदारी उनकी बेटी ने संभाली। वर्ष 2015 में मंदिर का भव्य जीर्णोद्धार किया गया, जिसमें प्रथम तल पर राधा-कृष्ण की चांदी की सुंदर मूर्तियां स्थापित की गईं थी।
चोले वाले बाबा के नाम से भी जाने जाते हैं हनुमान जी
मेरठ के बुढ़ाना गेट स्थित मंदिर में बजरंग बली को चोले वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। हर मंगलवार सुबह और शनिवार शाम को भक्त अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर हनुमान जी को विशेष रूप से चोला अर्पित करते हैं। इन दोनों दिनों मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं, और सैकड़ों श्रद्धालु ऐसे हैं जो नियमित रूप से बाबा के चरणों में हाजिरी लगाते हैं। हनुमान जी के प्रकट दिवस पर मंदिर में विशेष आयोजन किया जाता है। इस बार भी हनुमान जन्मोत्सव पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
मंदिर की मान्यता
मंदिर में पिछले 21 वर्षों से अखंड ज्योति निरंतर जल रही है। यहां की मान्यता है कि यदि कोई भक्त लगातार 40 दिनों तक हनुमान जी के समक्ष दीपक जलाता है, तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। इस मंदिर में पवनसुत हनुमान को चोला चढ़ाने की परंपरा है, और हर मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में भक्त चोला अर्पित करते हैं।
यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। सैकड़ों भक्त ऐसे भी हैं जो नियमित रूप से बाबा के चरणों में हाजिरी लगाते हैं। हनुमान जी के प्रकट दिवस पर मंदिर में विशेष आयोजन होता है। इस बार भी हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।